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थ्रीइएमइ सेंटर में एक मेजर से निवेश के नाम पर 14.40 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई

बैरागढ़

 बैरागढ़ स्थित थ्रीइएमइ सेंटर में एक मेजर से निवेश के नाम पर 14.40 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई है। मेजर को इंग्लैंड के एक नंबर से वाट्सएप ग्रुप पर जुड़ने के लिए लिंक आया था। वे ग्रुप में जुड़े तो उन्हें भारी मुनाफे का लोभ दिया गया, जिसमें फंसकर उन्होंने एक फर्जी एप डाउनलोड कर लिया और 24 लाख रुपये निवेश कर दिए। ठगों ने भरोसा जीतने के लिए पहले उनके 10 लाख रुपये तो बैंक खाते में लौटा दिए, लेकिन बाकि की राशि निकालने का प्रयास किया तो उन्हें आइपीओ आवंटन के जाल में फंसा दिया। मेजर की शिकायत पर भोपाल साइबर सेल ने प्रकरण दर्ज किया है।

आईपीओ के जरिए 60 लाख रुपये और ऐंठने की फिराक में थे ठग

    पुलिस के अनुसार मूलत: पंजाब के पठानकोट के रहने वाले 35 वर्षीय आशीष चौधरी पिता कुलदीप राज थ्रीइएमइ सेन्टर बैरागढ में मेजर के रूप में पदस्थ हैं।

    पिछले वर्ष अप्रैल में उन्होंने साइबर ठगी की शिकायत दर्ज की थी। जिसमें बताया गया कि उन्हें इंग्लैंड के एक नंबर से उनके वाट्सएप पर निवेश के एक ग्रुप से जुड़ने का लिंक आया था।

    मेजर ने बताया कि उस ग्रुप में पहले से कई सदस्य जुड़े थे। ग्रुप में बताया गया कि हमारे एप के जरिए निवेश करें, हम आपको बताएंगे किन शेयरों में निवेश करना है।
    इससे आपको भारी मुनाफा होगा और उसमें से 30 प्रतिशत का हिस्सा देना होगा।

    उन्होंने पहले 16 लाख रुपये डाले। कुछ समय बात मेजर ने उसमें से 10 लाख रुपये बैंक में ट्रांसफर कर लिए। इससे उन्हें एप पर भरोसा हो गया।

    मेजर ने एक बार फिर एप में 15 लाख रुपये डालने की कोशिश की, लेकिन बैंक लिमिट होने के कारण उसमें 10 लाख रुपये ही डाल सके।

    बाद में उनके स्वजनों ने फ्राॅड एप की जानकारी दी तो मेजर ने रुपये निकाले, लेकिन 1.60 लाख रुपये ही निकाल सके।

    उन्होंने एप के संचालकों से संपर्क किया तो बताया गया कि आपके नंगर पर 60 लाख रुपये के आइपीओ शेयर आवंटित किए गए हैं, जिसके बाद मेजर ने एप डिलीट किया और पुलिस को शिकायत की।

    निवेश के नाम पर यदि कोई मोटे मुनाफे का लालच देता है तो उस पर विश्वास न करें। पहले कंपनी और एप के बारे में पुख्ता जानकारी लें। साइबर सेल लगातार एडवाइजरी जारी कर लोगों को जागरूक कर रही है। जो भी ठगी के मामले आ रहे हैं, पुलिस उनमें प्रकरण दर्ज कर आरोपितों को पकड़ रही है।

सुजीत तिवारी, एसीपी साइबर क्राइम

 

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